Saturday, June 4, 2011

तू बन्दा, मैं ख़ुदा

चल अब तक जो खेल हुआ, अब बहुत हुआ,
आज से तू बन्दा मेरा, मैं तेरा ख़ुदा ।

चल भाई, अब बना Plans,
बना अपना सही और ग़लत,
फिर कर फैसले,
और बोल के ये फैसला तेरा है,
अब तू मत मान के मैं हूँ,
अब तू भी सोच के ऐसा तेरे साथ ही क्यूँ हुआ
आज से तू बन्दा मेरा, मैं तेरा ख़ुदा

लगा मंदिरों के चक्कर, या पढ़ नमाज़,
अब कर ढकोसले,
मान रीति-रिवाज़,
अब तू डर मुझसे,
अब तू मर मुझसे,
अब अपनी मेहनत की कमाई का हिस्सा,
तू मुझ पर लुटा,
अब तू याद रख, कोई है जो है सच-झूठ से बड़ा,
आज से तू बन्दा मेरा, मैं तेरा ख़ुदा

अब हर निवाले के पहले तू नाम ले मेरा,
अब जन्नत और जहाँनुम का फ़र्क
तू अपने दिमाग़ में बना,
अब मेरा नाम ले कर,
तू जान ले किसी की,
अब मेरा नाम ले कर,
तू मेरा काम कर,
चल अब बहुत हुआ ये खेल,
अब मैं तुझे दो रास्ते दिखाऊँगा,
और फिर सोचने की ताक़त छीन लूँगा
फिर भी चुन लेगा जब तू एक को,
तो दूसरे रास्ते को सही कर दूंगा,
और तेरे सोचने की शक्ति लौटा दूंगा,
फिर सोचना के रास्ता तो तूने चुना था,
फिर पछताना और मेरा नाम लेना,
फिर मैं बोलूँगा - तू ग़लत रास्ते पर है, अब भी संभल जा बन्दे,
फिर तू कहना
अब तेरा ही आसरा है, मुझे बचा ले ऐ ख़ुदा ।
अब तब बात करेंगे,
जब तू बंदगी से हार जाएगा
और मेरा खुदाई से मन भर जाएगा ।

3 comments:

Garima said...

supppppeerrrbbbbb! it blew my mind sid! just about anyone can relate to this thot and yet it is at some other level. totally mindblowing! i will read it everytime, 'he' wrongs' me...and im sure anyone will.

JayaMisra said...

Its brilliant!! its powerful and evokes a feeling i didnt know i had against God. Fuck! aapke lafz AK47 hain....Tezaab hai. love Jaya

prasad said...

अब तब बात करेंगे,
जब तू बंदगी से हार जाएगा
और मेरा खुदाई से मन भर जाएगा ।

सरलता ..सहजता..शब्दों का चयन,विचारो का वजन ...सब बढ़िया.. लाजवाब...तू खुदा मैं बन्दा..