Sunday, May 8, 2011

मेरी माँ मेरी वजह से है


मेरी माँ आज जो कुछ भी है, मेरी वजह से है ।

उसके माथे की लकीरें,
मेरे सालों बीमार रहने की वजह से हैं,
उसकी आँखों के नीचे रहने वाली रातें,
मेरे लिए रात-रात जागने की वजह से हैं,
एडियों में पड़ी दरारें,
शहर-दर-शहर मेरे लिए भागने की वजह से हैं
उँगलियों के धुंधलाते सूरज,
मेरे लिए हज़ारों (लाखों) परांठे बनाने की वजह से हैं,
अलमारी में साड़ियों के नीचे छिपे 500 के नोट,
मेरी किसी 'Emergency' की वजह से हैं,
उसकी वो सुनहरी साडी, मेरी वजह से है,
उसका हर गुस्सा,उसकी मांगी हर दुआ,
मेरी वजह से है,
इतने सालों बाद भी, मुझसे दूर जाते हुए,
उसकी आँखों की नमी, मेरी वजह से है,
उसके दिनों में मेरी कमी, मेरी वजह से है,
उसका ग़म, उसकी ख़ुशी, मेरी वजह से है,
हाँ... मगर... मेरा नाम पढ़ कर, या सुन कर,
उसके चेहरे पर छलकता गर्व,
वो भी मेरी वजह से है ।

5 comments:

davinder said...

She must be proud reading it....

very well written.....

ritu said...

Hi Beta,
U made me cry badly

Dasbehn said...

Mommies are the best...

Ramzzz said...

Sunny, thats a real nice one!!

Surat said...

Touching:)