9GB Zindagi
शायर को उम्र से यूँ भी क्या चाहिए? इश्क़, ग़ुरूर और मजाल काफ़ी है
Friday, March 16, 2012
इक
इक होवे जो इश्क़ करे
इक होवे जो क़द्र करे
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