9GB Zindagi
शायर को उम्र से यूँ भी क्या चाहिए? इश्क़, ग़ुरूर और मजाल काफ़ी है
Friday, July 1, 2011
दौर
एक दिन था, जब वो दौर हुआ
एक दिन है, अब तो दौर नया
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