मैं ख्याल हूँ, गुज़र जाऊँगा ।
मुझे किसी और के लिए, छोड़ देगा दिल,
दिमाग भी मुझसे परे हो जाएगा
एक लम्हे सा, एक पल सा, नज़र आऊंगा
मैं ख्याल हूँ, गुज़र जाऊँगा ।
अश्क या मलाल,
जुनूं या जमाल,
कुछ ना मांगूंगा,
कुछ तो देकर, मगर जाऊँगा
वो पल, जिस पल नस-नस मैं रहूँगा,
दिल-औ-दिमाग में बस मैं रहूँगा,
ना सुनूंगा, ना कहूँगा,
क्या पता, किधर जाऊँगा
मेरी तलाश में, आएंगे दो नैन,
पर मेरा क्या ठिकाना,
पर रहूँगा यहीं कहीं,
शायद छिपा, शायद नहीं,
मैं दिखूं या ना दिखूं,
पर रहूँगा यहीं कहीं,
मिलूं या ना मिलूं
चाहूँ भी तो कहाँ मर पाऊँगा
पर फिलहाल,
मैं ख्याल हूँ, गुज़र जाऊँगा ।
1 comment:
बहुत खूबसूरत. नस नस मैं रहूँगा, बस मैं रहूँगा is mindblowing! एक 'ख्याल' को लेकर सोच में डाल दिया! truly simple and beautiful...love it!
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