शायर को उम्र से यूँ भी क्या चाहिए?
इश्क़, ग़ुरूर और मजाल काफ़ी है
Friday, March 11, 2011
निकम्मा
पागल सड़कों पर लापता, Random पान वालों से पूछता पता दिल कम्बख्त, मिल जाये तो साले को इधर भेजना, इस हफ्ते का classified अच्छा है, कहीं न कहीं तो लगा दूंगा निकम्मे को ।
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