Wednesday, June 24, 2009

लाली

बात बाँध ले आज तू,
रंग कभी न छूटेगा,
जितना बहेगा, उतना खिलेगा,
न बाँट इसे तू पाएगी
मेरे रंग में रंग जायेगी, जित्त देखेगी उत्त पाएगी,
लाली देखन जो आएगी, तू भी लाल हो जायेगी

बदन तूने जो अब तक पाला है,
एक ही पल में रंग डाला है,
हाथ लगाया छुआ,
सब नयनों से ही हुआ,
अब घूमेगी छाप लिए,
नाम का मेरे जाप लिए,
भाले तीर से मारा,
इस वार से कैसे बच पाएगी,
मेरे रंग में रंग जायेगी, जित्त देखेगी उत्त पाएगी,
लाली देखन जो आएगी, तू भी लाल हो जायेगी


घमंड से सब कुछ बोल गया,
दो शब्दों में तोल गया
राज़ गढाए रखा था,
दो बात कही, खोल गया ।

लाली मेरे यार की, जित देखूं उत्त लाल
लाली देखन मैं गई, मैं भी हो गई लाल ।

बदन पर लिपा तो न था,
रंग बेरहम कहाँ से लग गया,
नयनों से सन गया,
बदन धोखेबाज, ठग गया,
रक्त भर भर आंखों में,
पलकों से लगाया,
अन्दर बहा, बाहर सना,
अन्दर बाहर एक हुई मैं, जैसे रही न खाल।
लाली देखन मैं गई, मैं भी हो गई लाल

अंग का जैसे दाना-दाना,
बुने है नया ताना-बाना,
लहराती थी मनचली थी,
जब नयनों की गाथा न चली थी,
रंगा अपने रंग में उसने,
थी काली उसकी चाल,
लाली देखन मैं गई, मैं भी हो गई लाल

अकेले में दोहराती हूँ,
बातें उसकी मिसरी सी,
सरफिरी सरफिरी सरफिरी
सरफिरी सरफिरी ... सरफिरी सी
एक डोर पे जैसे घूमे लट्टू,
ऐसी मलंगी चाल,
लाली देखन मैं गई, मैं भी हो गई लाल ।

काश कभी ऐसा पल आता,
रंग मेरा उस पर चढ़ जाता,
रूप मेरा बाँध बनाता,
रूप मेरा तोड़ जाता,
मुझ से परे वो रह न पाता,
'तू' कह वो मुझसे कह न पाता,
मैं बुनती, वो फँस जाता,
मेरे शब्द वो कह जाता, ऐसा अघोरी जाल,

लाली मेरे लाल की, जित्त देखूं उत्त लाल
लाली देखन मैं गया, मैं भी हो गया लाल

लाली देखन मैं गया... मैं गया... मैं गया...
मैं भी हो गया लाल!

2 comments:

Garima said...

sarfiri, sarfiri, sarfiri si...ek dor pe jaise lattoo ghoome aisi malangi chaal! its miiiindblowing! your poetry has reached the level of perfection now. i totally enjoyed reading this one! the flow of words, the thought, the twists and turns are simply brilliant. wo typical 'mast' wali feeling hai ismein. the words seem 'drunk'! your next should be a story told, or rather untold! you really should retire now :-)

Smruti said...

Very nice... totally loved it. :-)

Someone should compose a tune for this one and it should be made into a song... sufi type...