यार को हमने जा बा जा देखा
कभी ज़ाहिर कभी छुपा देखा
हमसे अलग हो कर बिखर गया है,
उसे कभी यहाँ तो कभी वहां देखा ।
आज उसे हमने ख़ुद से खफा देखा ।
The first couplet is from Raqs-e-bismil. But i have written my (harsh) version of it.
A beautiful version shall follow.
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