9GB Zindagi
शायर को उम्र से यूँ भी क्या चाहिए? इश्क़, ग़ुरूर और मजाल काफ़ी है
Thursday, April 5, 2012
इत्र
उनके नाम का इक लिफ़ाफ़ा
कमीज़ की जेब में रख कर चले
जो क़रीब से गुज़रा पूछता है
ये कौन सा इत्र है जनाब
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