Saturday, September 12, 2009

मैं

एक अरसे बाद कोई ऐसा मिला था,
जो थोड़ा थोड़ा ही मुझ सा था,
मुझ सा ही गुरूर, थोड़ा कम ज़रूर,
कुछ और था जो एक सा था,
मेरी ही तरह, ख़ुद की खुशी से वो भी जलता था ।

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