9GB Zindagi
शायर को उम्र से यूँ भी क्या चाहिए? इश्क़, ग़ुरूर और मजाल काफ़ी है
Wednesday, January 19, 2011
ग़ालिब
सौ कोस से बा-जुबां- ए - कलम बातें किया करो,
हिज्र में विसाल के मज़े लिया करो । - ग़ालिब
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment